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इंसानों में स्वाइन फ्लू का दुर्लभ स्ट्रेन मिला, कोरोना के बीच नए खतरे से सतर्कता : कनाडा

दिल्ली में 30 अप्रैल के बाद एक दिन में सबसे कम कोरोना के नए मामले आए

दुनिया में सर्दियां आते ही कोरोना (Corona Virus) के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है. कनाडा में ऐसे ही स्वाइन फ्लू वायरस का दुर्लभ स्ट्रेन (H1N2) इंसानों तक पहुंच गया है. कनाडा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि पहली बार देश में एच1एन2 स्ट्रेन से इंसानों के संक्रमित होने का पहला मामला मिला है, यह स्वाइन फ्लू वायरस का दुर्लभ स्ट्रेन है. इसके विश्व में बेहद कम मामले देखने को मिलते हैं.

मांट्रियल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि ताजा मामला अक्टूबर के मध्य में अलबर्टा में मिला था. हालांकि समूह में ऐसे केस नहीं पाए गए हैं. अलबर्टा के लोगों के बीच अभी इसके बड़े पैमाने पर खतरे की संभावना कम ही है. फ्लू के सीजन में अलबर्टा में अभी यह एकमात्र केस ही मिला है. अधिकारियों के अनुसार, एक व्यक्ति को इनफ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखे थे, उसकी जांच कराई गई और स्ट्रेन का पता लगने के बाद तुरंत इलाज से उसकी सेहत में सुधार आ गया.वायरस के अभी और फैलने का कोई सबूत नहीं मिला है.

कनाडा के अधिकारी अब पता लगाने में जुट गए हैं कि आखिर यह वायरस कहां से आया. साथ ही बड़े पैमाने पर जांच कर देखा जाएगा कि कहीं इसका प्रसार तो नहीं हुआ है.  वर्ष 2005 से दुनिया भर में H1N2 के सिर्फ 27 मामले मिले हैं. जबकि स्वाइन फ्लू का H1N1 स्ट्रेन हर साल दुनिया में किसी न किसी इलाके में दस्तक देता है. कनाडा में H1N2 का यह पहला केस है. अधिकारियों का कहना है कि एच1एन2 स्ट्रेन भोजन से पैदा होने वाला स्ट्रेन नहीं है. पोर्क या सुअर से जुड़े अन्य उत्पादों के खाने के कारण इंसानों को यह संक्रमण नहीं होता है.

ट्विटर पर कनाडा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि यह दुर्लभ स्ट्रेन है और संक्रमित सुअरों के संपर्क में आने के कारण इंसानों को होता है. हालांकि एक इंसान से दूसरे में इसके व्यापक संक्रमण का कोई उदाहरण अभी तक दुनिया में नहीं मिला है.

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